Wednesday, 24 May 2023

*~ आज का वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

 🌤️  *दिनांक - 25 मई 2023*
🌤️ *दिन - गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 
🌤️ *मास - ज्येष्ठ*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 
🌤️ *तिथि - षष्ठी 26 मई प्रातः 05:19 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुष्य शाम 05:54 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
*🌤️योग - वृद्धि शाम 06:08 तक तत्पश्चात ध्रुव*
🌤️ *राहुकाल -  दोपहर 02:15 से शाम 03:55 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:58*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:12*
👉 *दिशाशूल- दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी,अरण्य षष्ठी,गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से शाम 05:54 तक)*
🔥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
               🌞🌞

🌷 *बालों की मुलायमता* 🌷
👩🏻 *गोमूत्र सिर में लगाकर थोड़ी देर पश्चात् धो डालने से तथा सरसों के तेल की मालिश करने से बाल मुलायम होते हैं।*
🙏🏻 *आरोग्यनिधि पुस्तक से*
            🌞 🌞

🌷 *पाचनशक्ति की कमजोरी हो तो* 🌷
 ➡ *सौंफ और जीरा समान मात्रा में लेकर सेंक के रखो | भोजन के बाद चबा के खाओ तो पाचनशक्ति तेज होगी |*
🌞

  🌷 *अंतिम संस्कार* 🌷
🔥 *श्रद्धापूर्वक किसी अनाथ मृतक का अंतिम संस्कार करनेवाला अथवा स्वयं की शक्ति न होने पर दूसरों को इस पुण्यदायी कार्य के लिए, प्रेरित करनेवाला अग्निलोक में प्रशंसा का पात्र बनता है। ( शिव पुराण )*
🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻

Tuesday, 27 December 2022

गुरु गोविंद सिंह जैसा न कोई हुआ है और न कोई होगा, जानिए 6 विशेष बातें...

परोपकारी गुरु गोविंद सिंह जी में सबसे बड़ी बात यह थी कि वे अपने आपको औरों जैसा सामान्य व्यक्ति ही मानते थे। गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में लिखना मुश्किल है, क्योंकि साहिब-ए-कलाम बादशाह दरवेश गुरु गोविंद सिंह जैसा न कोई हुआ और न कोई होगा।
 
पुत्र के रूप में :- आपके जीवन के बारे में लिखते समय यह समझ में नहीं आता है कि आपका जीवन किस पक्ष में लिखा जाए। अगर आपको एक पुत्र के रूप में ‍देखा जाए तो आपके जैसा कोई पुत्र नहीं जिसने अपने पिता को हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शहीद होने का आग्रह किया हो।
 
पिता के रूप में :- अगर आपको पिता के रूप में देखें तो भी आपके जैसा महान पिता कोई नहीं, जिन्होंने खुद अपने बेटों को शस्त्र दिए और कहा कि जाओ मैदान में दुश्मन का सामना करो और शहीदी जाम को पिओ।


 
लेखक के रूप में :- अगर आपको लिखारी के रूप में देखा जाए तो आप धन्य हैं। आपका दसम ग्रंथ, आपकी भाषा, आपकी इतनी ऊंची सोच को समझ पाना आम बात नहीं है।


त्यागी के रूप में :- अगर एक त्यागी के रूप में आपको देखा जाए तो आपने आनंदपुर के सुख छोड़, मां की ममता, पिता का साया, बच्चों के मोह को आसानी से धर्म की रक्षा के लिए त्याग दिया।

 
योद्धा के रूप में :-  अगर आपको एक योद्धा के रूप में देखें तो ‍हैरानी होती है कि आपने अपने हर तीर पर एक तोला सोना लगवाया हुआ था। जब इस सोने का कारण आपसे सिखों ने पूछा कि मरते तो इससे दुश्मन होते है फिर ये सोना क्यों? 

 
तो आपका उत्तर था कि मेरा कोई दुश्मन नहीं है। मेरी लड़ाई जालिम के जुल्म के खिलाफ है। इन तीरों से जो कोई घायल होंगे वो इस सोने की मदद से अपना इलाज करवा कर अच्छा जीवन व्यतीत करें और अगर उनकी मौत हो गई तो उनका अंतिम संस्कार हो सकें।

 
गुरु के रूप में :- आपके जैसा गुरु भी कोई नहीं जिसने अपने को सिखों के चरणों में बैठकर अमृत की दात मंगाई और वचन किया कि मैं आपका सेवक हूं जो हुकूम दोगे मंजूर करूंगा। समय आने पर आपने सिखों के हुकूम की पालना भी की।


आपने अपने जीवन का हर पल परोपकार में व्यतीत किया। आपके जितने गुणों का बखान किया जाए वो कम ही है। अंत में बस इतना ही कि 'जैसा तू तैसा तू ही क्या किछ उपमा दी जें।' 


Sunday, 6 February 2022

कितनी विडंबना है कि कैंसर, एड्स, कुपोषण, शराब, तम्बाकू, गुटखा इत्यादि पर असंख्य विज्ञापन बने हैं इस देश में यहां तक कि लिंगभेद, रंगभेद पर कम ही सही मगर बात हुई ही है लेकिन जाति.....

कितनी विडंबना है कि कैंसर, एड्स, कुपोषण, शराब, तम्बाकू, गुटखा इत्यादि पर असंख्य विज्ञापन बने हैं इस देश में यहां तक कि लिंगभेद, रंगभेद पर कम ही सही मगर बात हुई ही है लेकिन जातिवाद के खिलाफ कभी किसी की हिम्मत नहीं हुई कि इसपर कोई विज्ञापन बना सकें। हर टीवी चैनल पर जातिवाद के ख़िलाफ़ विज्ञापन होना चाहिए था साथ ही सभ्य समाज में आचरण, विचार, मानवीय भावनाओं हेतु व्यवहार कैसा होना चाहिए उसका प्रचार भी जरूरी था।

हाशिये में पड़े समाज अर्थात बहिष्कृत समाज को जगाने, शिक्षित व जाग्रत करने में दक्षिण सिनेमा का बड़ा योगदान रहा है। हिंदी बाहुल्य क्षेत्र चाहे वह सिनेमा हो, साहित्य हो, या मीडिया हो अधिकांश जनजागृति के मामलों में भ्रमित करने वाले तथ्य मिलते हैं बाक़ी गलत परम्परा, मान्यता को पोषित, संरक्षित करने वाला कंटेंट मिलता है। जबतक हमारी मान्यताओं के विपरीत तर्क व उनके तथ्य हमें ज्ञात नहीं होंगे बदलाव कैसे आयेगा?

वर्तमान समय में साहित्य व सिनेमा में काफ़ी बदलाव आया है। भले ही हाशिये के लोगों का प्रतिनिधित्व बेहद नगण्य हो मगर उनकी बातें लगातार हो रही है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि दलित,आदिवासी,पिछड़ों ने अपने वेब चैनल, पत्रिकाएं, यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया के टूल्स, अन्य कॉमन प्लेटफार्म पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी और लोगों तक ऐतिहासिक, वर्तमान परिदृश्य पर अपने विचार प्रेषित किये हैं।

आर्टिकल 15 से लेकर भीमा कोरेगांव, शरणम गच्छामि, सैराट, 500, दी शुद्र या जय भीम इत्यादि तक एक बदलाव की आहट ही नहीं उस पक्ष की पीड़ा, मौजूदगी और समस्यायों पर मंथन है। हिंदी सिनेमा या हिंदी साहित्य की कहानी में दलित केवल सेवक, ड्राइवर, गरीब, शोषित के रूप में ही दिखाई पड़ता है कभी मुख्य हीरो की भूमिका में नहीं दिखा और न ही दलित कलाकार कोई हीरो जैसे बड़े चेहरे में नहीं दिखाई दिया।

अब समय बदल रहा है क्योंकि आप बात करने लगे हैं। बेझिझक बिना किसी की परवाह किये बगैर अपनी बात बोलने लगे हैं। लोग क्या सोचेंगे, लोग क्या बोलेंगे,अंजाम क्या होगा या कौन क्या धारणाएं बनाएगा इसकी चिंता छोड़कर, संवैधानिक दायरे में,सभ्य व शालीनता के साथ अपना पक्ष हर रोज़ रख रहे हैं और गलत बातों का विरोध भी बड़ी मुखरता से कर रहे हैं। यही ताकत है जो आपका ध्यान रहेगा अन्यथा पीड़ित, शोषित,अपमानित और बहिष्कृत ही परिभाषित होंगे।

~ताराचन्द जाटव~

Monday, 21 June 2021

भगवान और इन्सान

भगवान और इंसान

एक गांव में बहुत सारे लोग एक चिंता में थे गांव में महामारी फैली थी और लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अपने घरों को छोड़कर कहां जाए क्योंकि और कोई घर भी नहीं था।

एक घर में एक स्त्री की मृत्यु इसी महामारी की वजह से हो गई थी उसके पति को किसी ने कहा था कि एक भगवान के धाम का दर्शन करके आओ क्योंकि तुम्हारी बीवी चल बसी है।
उसकी मोक्ष प्राप्ति के लिए वहां जाकर प्रार्थना करना और साथ ही वहां जो भगवान है उनकी आंखों में आंखें डाल कर जब देखोगे तो तुम्हें और तुम्हारे बालक को बहुत सुकून मिलेगा। उसका पति अपने 4 साल के बेटे को लेकर ट्रेन में चला गया।


यह यात्रा के लिए निकल तो गया लेकिन जब स्टेशन पर पहुंचे तो एक फूल वाले के यहां से एक फूल की माला और प्रसाद लिया, जब ले रहा था तो अपने 4 साल के बेटे को उसने छांव में खड़ा किया।

उसके बाजू वाला जो फूल वाला ही था वह चिल्लाने लगा। कि क्यों भाई फूल बाजू वाले से ले रहे हो और छाव मुझसे। हटा अपने लड़के को यहां से, इस इंसान ने अपने 4 साल की बेटे को गोद में उठा लिया और इस फूल वाले से कहा कि ऊपर वाला सब कुछ देख रहा है।


 
उस पूरे दिन के लिए उस फूल वाले के यहां से ना ही किसी ने फूल लिए और ना ही प्रसाद किसी ने खरीदे। उसका धंधा ही नहीं हो पाया। इस भगवान की महिमा को देखने बहुत सारे लोग उस मंदिर पर हर दिन लाखों की भीड़ मे दर्शन करने के लिए आते।

और इसी भीड़ मे अटके हुए थे वे दोनों बाप और बेटे। और उसी समय उस आदमी के बालक को भूख लगी, वह भूख के मारे बिलख रहा था, वह पिता उसे शांत कराने की कोशिश में लगा हुआ था।


भीड़ बहुत धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी और फिर जब दर्शन के लिए जैसे ही कुछ पास पहुंचे, तब धूप मैं भीड़ रुक गई। लाइन आगे ही नहीं बढ़ रही थी सब सोच में पड़ गए। सभी एक दूसरे से पूछ रहे थे आखिर में यह भीड़ आगे क्यों नहीं जा रहीं हैं। क्या हुआ है आगे।

 
इतने में लोगों को पता चला कि कोई वी.आई.पी और उसका काफिला दर्शन के लिए आया हुआ था। अब वह लोग जब तक दर्शन करके जाते नहीं। तब तक तो यह भीड आगे बढ़ेगी ही नहीं। पता यह भी चला था कि एक लाख का छप्पन भोग का प्रसाद उन्होंने यह चढ़ावा चढ़ाया था।

बच्चा जो था उस छप्पन भोग की तस्वीर वहां लगी टेलिविजन स्क्रीन पर देखे जा रहा था वह भूख से वैसे भी बिलख रहा था, बाप ने अपने बच्चे को इस प्रसाद को देखते हुए देखा और अपने बेटे को कन्धे मे डालते हुए कहा।


बेटा थोड़ी देर सो जा क्योंकि देख सपने में यह मिठाई खाने को मिलेगी।और वह बच्चा बाप के कंधे पर सर डाल कर सो गया। 20 मिनट के बाद यह भीड़ आगे बढ़ी।

 
और जो स्पीड में लाइन आगे बड़ी, लोग धना-धन दर्शन के लिए जाने लगे। और सिक्योरिटी गार्ड सबको धक्के मार कर कह रहा था आगे बढ़ो, आगे बढ़ो,। प्रभु से आंख मिलाना तो दूर भगवान की अच्छी तरह से सूरत देखना भी नसीब नहीं हुआ।

तभी उस आदमी की कानों में न जाने कुछ ऐसी आवाज़ उसी वक्त सुनाई पड़ी, कि तुम अपने घर पहुंचो मैं तुमसे तुम्हारे घर मिलने तुम्हारे गांव आ रहा हूं। जाओ तुम जिस गांव से आए हो, वहां वापस चले जाओ।


जब ट्रेन में वे दोनों बाप और बेटे बैठे तो उस आदमी को पता नहीं चल रहा था कि वास्तव में भगवान ने ऐसा मेरे कानों में कहा था या मुझे आभास हुआ था। जब वह आदमी अपने घर पहुंचा तो अपने बच्चे को दो रोटी खिलाकर सुला दिया।

भगवान आने वाले थे इस लिए उस आदमी ने सबसे पहले अपने घर को ठीक किया, पानी का गिलास भरकर रखा और अपने घर के बाहर उसने दिए जलाए।  रात के 12:00 बज चुके थे और उसकी आंख जैसे ही लगने वाली थी उसके घर के दरवाजे पर दस्तक हुई।

जैसे उसने दरवाजा खोला तभी एक आम आदमी की तरह भगवान उसके दरवाजे के सामने खड़े हुए थे। और  उनके चेहरे पर जो दिव्य तेज था वह आदमी बोल उठा, “भगवान आप, भगवान ने कहा बिल्कुल सही पहचाना तुमने।

 
तुमने मेरे बारे मे बहुत सारी कहानियां सुनी होगी। मेरे बारे में धाराएं बनाई होगी। लेकिन तुम्हारा भगवान तुम जैसे ही है तुम जैसा ही पहनता है तुम जैसा सोचता है और बातें भी तुम्हारी ही जैसा करता है ताकि मैं अपने भक्तों को और ज्यादा समझ पाऊं और तकलीफ समझ पाऊं।


एक दिए से दूसरे दिए को जलाते हुऐ भगवान ने उस आदमी से कहा, देखो दिए तो अलग है लेकिन जोत एक हो चुकी है तुम्हारा और मेरा रिश्ता भी बिल्कुल ऐसा ही है जो मेरी तरफ तुम्हें खींच रही थी और मैं तुम्हारी तरफ। और सिर्फ तुम्हारी वजह से तुम्हारे गांव तक आया हूं।

अगले 1 सप्ताह में गांव में महामारी का अंत हो चुका था सभी पहले जैसे जीने लगे और किसी को कोई भी तकलीफ नहीं थी सभी लोग खुश थे सरपंच भी सोच में पड़ चुका था की ऐसा चमत्कार कैसे हो सकता है।

अब हर साल बाप और बेटा उसी मंदिर जाते हैं धक्के खाते हैं लाइन में लगते और हर बारी चिल्लाकर भगवान से कहकर जाते हैं भगवान सिर्फ हम नवता देने आए हैं  आज रात हमारे घर आ रहे हो ना। ऐसा कह वह आदमी अपने गांव वापस लौट जाता।

हमारे पूरे जीवन में हर दिन में बहुत कम मीठी और सबसे ज्यादा कड़वी बातें सुनते हैं जब जूता हमें अपनी उंगलियों में काट जाता है तो हम उस जुते को तो नहीं कोसते और ना ही वह जूता हमारे दिमाग पर सवार होता है।


अगर इंसान के साथ जो दुर्व्यवहार करता है वह हमारे दिमाग पर सवार क्यों रहता है अगर मुझे या आपको कोई भी ऐसा इंसान मिले तो उसे ऊपर वाले के हवाले कर दो।और उनसे कहो भगवान तुम्हारा भला करे हिसाब किताब वही करेगा।

 
साथ ही कहानी को पढ़ने के बाद किसी एक इंसान के मन में परिवर्तन आ जाए तो मेरी यह कहानी सफल रहेगी।

Motivational quotes
वैसे भी इस कलयुग में भगवान और इंसान में एक ही तो फर्क है इस कलयुग में भगवान का तन पत्थर का और इस कलयुग में इसान का मन पत्थर का।

दोस्तों आपको यह short motivational story कैसी लगी प्लीज आप कमेन्ट में जरूर बताएं। और अपने दोस्तों के साथ और फैमिली वालों के साथ में जरूर शेयर करें।

Friday, 29 January 2021

आकस्मिक समस्या निवारक प्रयोग, जाने जानकारी

आकस्मिक समस्या निवारक प्रयोग :............
१..कटे अंग से खून आना रूककर कटा जुड़ जाये प्रयोग ..

उपाय :- यदि चाकू या तेज़ चीज से हाथ-पैर अथवा शरीर का कोई अंग कट जाए तो वहां तुरंत पान का रस निचोड दे , रक्त तुरंत बंद हो जायेगा | यह प्रयोग कटे स्थान को जादू की तरह जोड़ देता हें | बस पान का रस निचोड़ कर तुरंत कटे स्थान पर टपका दे , फिर एक पान भी बांधना हें |
(पान की दुकान से पान मिल जाएगा )( पान बगला मिले तो अति उत्तम हें वर्ना कोई भी पान का प्रयोग कर सकते हें )
२...कांच निगलने से आई परेशानी निवारक प्रयोग 
उपाय :-यदि किसी ने कांच (गलती से या जान बुझकर ) खा लिया हें तो आप बिलकुल भी परेशान न हो , कांच खाए व्यक्ति को उबले हुए आलू खिला दे | 
अथवा कांच खाये व्यक्ति को भरपेट दही खिला दे | 
अथवा कांच खाये व्यक्ति को इसबगोल की भुस्सी लगभग बारह ग्राम सहता गरम दूध के साथ खिला दे | स्थिती का निवारण होगा |
३..मोच कष्ट निवारक प्रयोग  
उपाय :- एक गिलास पानी में दो tea spoon जीरा डालकर गरम् कर ले | इसी पानी से मोच वाली जगह की सिकाई करे | इस प्रयोग से तुरंत आराम मिलेगा |
४..खट्टी डकार निवारक प्रयोग 
उपाय :- गुड , सेंधा नमक , काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारे आना बंद हो जाती हें | 
५..नाक में फंसी हुई चीज बाहर आये प्रयोग 
उपाय :-यदि कोई चीज नाक में फंस गई हो तो तम्बाकू पीसकर सूंघ लीजिए | छीक आने के साथ ही फंसी हुई चीज बाहर आ जायेगी | 
६  जले अंग कष्ट निवारक प्रयोग 
उपाय :- यदि कोई अंग आग से जल जाय तो उसी समय जले स्थान पर ग्लिसरीन लगा दे | जले के लिए यह अचूक व अद्भुत दवा हें | न छाले पड़ेगे न ही चमड़ी ही लाल होगी | 
७ जले अंग कष्ट निवारक प्रयोग 
उपाय :-अगर शरीर का कोई हिस्सा जल या झुलस जाय तो उस पर तुरंत सरसों का तेल लगा दे या वह अंग जो जल गया हें तुरंत सरसों के तेल में डुबो दीजिए | छाला नहीं पड़ेगा ना ही कोई निशान वहां जाहिर होगा |

Thursday, 28 January 2021

इस खास मंत्र के जाप करने से भगवान शिव दूर करते हैं हर कष्ट

इस खास मंत्र के जाप करने से भगवान शिव दूर करते हैं हर कष्ट


सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामना पूरी होती है. शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. 

मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. वैसे तो भगवान शिव के कई तरह के नाम हैं लेकिन सभी भक्त प्रेम से इन्हें भोलेनाथ ही पुकारते हैं क्योंकि भोलेनाथ के अंदर न तो अहम है और न ही चालाकी है.

 उनके अंदर एक बच्चे की तरह मासूमियत है. इसीलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है. सभी देवताओं में भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें खुश करना सबसे आसान होता है.

जहां एक तरफ उनको भोलेनाथ कहा जाता है तो वहीं दूसरी तरफ इनको सृष्टि का विनाशक भी कहा जाता है. हिन्दू धर्म के मुताबिक भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान शिव की आराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

 शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र बताया गया है. शिवपुराण में ही ऐसा बताया गया है कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. शिव महापुराण में ही इस मंत्र को शरणाक्षर मंत्र भी कहा गया है.


'ॐ नमः शिवाय' मंत्र जाप करने की विधि-
-हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने के लिए किसी खास समय का निर्धारण नहीं किया गया है. इसका मतलब यह है कि इस मंत्र का जाप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी कर सकते हैं.

-इस मंत्र का जाप नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना कर, किसी वन या शांत स्थान पर या घर में रहते हुए भी कर सकते हैं.


-इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए.

-इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए.

-इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार करना चाहिए.

ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से होने वाला लाभ-
इस मंत्र का जाप करने से धन की प्राप्ति, संतान की प्राप्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. इस मंत्र के जाप से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं.

Wednesday, 27 January 2021

भगवान गणेश के साथ क्यों लेते हैं शुभ-लाभ का नाम?

भगवान गणेश के साथ क्यों लेते हैं शुभ-लाभ का नाम

बुधवार को पूरे विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. 


हिंदू मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जानी जरूरी है. भगवान गणेश सभी लोगों के दुखों को हरते हैं. भगवान गणेश खुद रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं।


वह भक्तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष तथा दरिद्रता को दूर करते हैं. शास्‍त्रों के अनुसार माना जाता है कि श्री गणेश जी की विशेष पूजा का दिन बुधवार है. कहा जाता है कि बुधवार को गणेश जी की पूजा और उपाय करने से हर समस्‍या का समाधान हो जाता है. अक्सर लोग अपने मुख्य दरवाजे के बाहर या फिर उसके आसपास की दीवारों पर लाभ और शुभ लिखते हैं. यह क्यों लिखते हैं और क्या है इनका भगवान गणेशजी से संबंध आइए आपको बताते हैं.


गणेशजी के दो पुत्र शुभ और लाभ
भगवान शिव के पुत्र गणेशजी का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्री ऋद्धि और सिद्धि नामक दो कन्याओं से हुआ था. सिद्धि से 'क्षेम' और ऋद्धि से 'लाभ' नाम के दो पुत्र हुए. लोक-परंपरा में इन्हें ही शुभ-लाभ कहा जाता है.


 गणेश पुराण के अनुसार शुभ और लाभ को केशं और लाभ नामों से भी जाना जाता है. रिद्धि शब्द का अर्थ है 'बुद्धि' जिसे का हिंदी में शुभ कहते हैं. ठीक इसी तरह सिद्धी इस शब्द का अर्थ होता है 'आध्यात्मिक शक्ति' की पूर्णता यानी 'लाभ'.


चौघड़ियां
जब हम कोई चौघड़िया या मुहूर्त देखते हैं जो उसमें अमृत के अलावा लाभ और शुभ को ही महत्वपूर्ण माना जाता है. द्वार पर गणेशजी के पुत्रों के नाम 'स्वास्तिक' के दाएं-बाएं लिखा जाता है. घर के मुख्य दरवाजे पर 'स्वास्तिक' मुख्य द्वार के ऊपर मध्य में और शुभ और लाभ बाईं तरफ लिखते हैं. स्वास्तिक की दोनों अलग-अलग रेखाएं गणपति जी की पत्नी रिद्धि-सिद्धि को दर्शाती हैं. 

घर के बाहर शुभ-लाभ लिखने का मतलब यही है कि घर में सुख और समृद्धि सदैव बनी रहे. लाभ लिखने का भाव यह है कि भगवान से लोग प्रार्थना करते हैं कि उनके घर की आय और धन हमेशा बढ़ता रहे, लाभ होता रहे.

Tuesday, 26 January 2021

आज 27जनवरी, हिन्दू पंचांग ,जाने रोचक जानकारी

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 27 जनवरी 2021*
⛅ *दिन - बुधवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौष*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - चतुर्दशी 28 जनवरी रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
⛅ *नक्षत्र - पुनर्वसु 28 जनवरी प्रातः 03:49 तक तत्पश्चात पुष्य*
⛅ *योग - विष्कम्भ रात्रि 08:57 तक तत्पश्चात प्रीति*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:52 से दोपहर 02:15 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:18* 
⛅ *सूर्यास्त - 18:24* 
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - 
 💥 *विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
               🌞🌞


🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *28 जनवरी 2021 गुरुवार को सूर्योदय से 29 जनवरी प्रातः 03:51 तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
🙏🏻 🌞


🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
🙏🏻 🌞

🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏

Friday, 22 January 2021

आज शानिवार के दिन क्या हैं आप के लिए ख़ास जाने

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 23 जनवरी 2021*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौष*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - दशमी रात्रि 08:56 तक तत्पश्चात एकादशी*
⛅ *नक्षत्र - कृत्तिका 09:33 तक तत्पश्चात रोहिणी*
⛅ *योग - शुक्ल रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
⛅ *राहुकाल - सुबह 10:04 से दोपहर 11:28 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19* 
⛅ *सूर्यास्त - 18:22* 
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - 
 💥 *विशेष - ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*


💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
💥 *नौकरी - व्यवसाय में सफलता, आर्थिक समृद्धि एवं कर्ज मुक्ति हेतु कारगर प्रयोग शनिवार के दिन पीपल में दूध, गुड, पानी मिलाकर चढायें एवं प्रार्थना करें - 'हे प्रभु ! आपने गीता में कहा है कि वृक्षों में पीपल मैं  हूँ । हे भगवान ! मेरे जीवन में यह परेशानी है । आप कृपा करके मेरी यह परेशानी (परेशानी, दुःख का नाम लेकर ) दूर करने की कृपा करें । पीपल का स्पर्श करें व प्रदक्षिणा करें ।*
               🌞 🌞



🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡ *23 जनवरी 2021 शनिवार को रात्रि 08:57 से 24 जनवरी, रविवार को रात्रि 10:57 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष - 24 जनवरी, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
          🌞 🌞


🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
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🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के  दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...
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Thursday, 14 January 2021

बलिया जिले में कितने गांव है, आइये जानते हैं

बलिया जिले में कितने गांव है


बलिया जिला में कुल 2293 गांव है, बलिया जिला उत्तर प्रदेश का लगभग मध्य भाग में स्थित एक जिला है, बलिया जिले में 6 तहसील है, जिनमे अलग अलग संख्या में ग्राम भी है, सबसे ज्यादा गांव बलिया तहसील में है और सबसे काम ग्राम बैरिअ तहसील में है, किस तहसील में कितने ग्राम है ये नीचे की सारणी में दिया हुआ है, बलिया जिले में उत्तर प्रदेश के कुल गांव का लगभग 2.3 प्रतिशत गांव है।

बलिया जिले में तहसील

तहसील नामजनसंख्याग्रामो की कुल संख्या
बैरिअNA159
बलिया104,424744
बांसडीह20,232484
बेल्थरा रोड392,294283
रसरा421,580385
सिकंदरपुर21,790238

बलिया जिले का तहसील मानचित्र

उत्तर प्रदेश के जिले बलिया का गूगल नक्शा जिसमे बलिया की तहसील है

बलिया जिले में ब्लॉक

S. No.Block Name
1.BANSDIH
2.BELHARI
3.BERUARWARI
4.CHILKAHAR
5.DUBHAD
6.GARWAR
7.HANUMANGANJ
8.MANIYAR
9.MURLI CHHAPRA
10.NAGRA
11.NAVANAGAR
12.PANDAH
13.RASRA
14.REVATI
15.SIAR
16.SOHAON
17.BAIRIA

Tuesday, 12 January 2021

बलिया-युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन बन रही है नेहा सिंह जी जानिए ईनके बारे में.....

आज काशी हिंदू विस्वविद्यालय में विवेकानंद जयंती 12/01/2021 पर युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन बन रही है नेहा सिंह जी जानिए ईनके बारे में.....                            

रसड़ा के ग्राम डेहरी की बेटी नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. 18 नवंबर 2020 को ये उपलब्धि हासिल करने वाली नेहा जिले की पहली शख्स है. दिसंबर में सर्टिफिकेट मिलने पर रविवार को नेहा के घर पहुंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उन्हें बधाई दी तथा सर्टिफिकेट का विमोचन किया.  

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अध्ययन कर रही नेहा गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने के लिए 2019 से तैयारी कर रही थी. लॉकडाउन में घर आने के बाद नेहा ने अप्रैल से घर पर खनिज रंगों से पेंटिंग बनानी शुरू की.

इसका आकार  62.72 स्क्वॉयर मीटर है। पेंटिंग जुलाई में गिनीज के नियमों के अनुसार तैयार  हो गई. इसके बाद नेहा ने सारे  कागजात  ऑनलाइन जमा कर दिए थे. हालांकि कोविड-19 के चलते गिनीज से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया था.


 
पहले यह रिकॉर्ड विजयवाड़ा की श्रेया तातिनेनी के था नाम 
पहले यह रिकॉर्ड आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली श्रेया तातिनेनी के नाम था, जिन्होंने 29 सितंबर, 2019 को 54.67 स्कॉयर मीटर यानी 588.56 स्कॉयर फीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी. नेहा ने बताया कि श्रेया का रिकॉर्ड  तोड़ने के लिए उसने उसी समय आवेदन किया था. करीब आठ अलग-अलग पेंटिंग नकारने के बाद गिनीज रिकॉर्ड से अनुमति मिलने के बाद उसने भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग बनाई.

18 अध्यायों को 18 शाखाओं में दर्शाया
पेंटिंग में भगवद्गीता के 18 अध्यायों को पेड़ की 18 शाखाओं में दर्शाया गया है. वहीं  एक-एक शाखाओं में 1 से 18 पत्तों का चित्रण, सबसे ऊपर कमल एवं ॐ से मोक्ष प्राप्ति का चित्रण किया गया है.

बेचनी पड़ी पेंटिंग 
बीएसएफ में कार्यरत बूटन सिंह की बेटी नेहा को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए अपनी पेंटिंग बेचनी पड़ी थी. उसने पिछले सात सालों में तैयार अपनी कई पेंटिंग को मुंबई के एक चित्रकला के व्यापारी को बेच दी। नेहा की बनाई पंचतत्व की पेंटिंग को प्रवासी भारतीय दिवस पर अमेरिका से आए एक अतिथि ने खरीदा था.
 
कई रिकॉर्ड है नेहा के नाम
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि नेहा सिंह ने पहला रिकार्ड 10 अगस्त 2017 में  ‘16 लाख मोतियों से 10.11 फुट का भारत का नक्शा’ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में दर्ज बनाया है. दूसरा रिकार्ड 30 सितंबर 2018 में ‘449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा ’  लिख कर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.  तीसरा रिकार्ड एक दिसंबर 2020 में दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज बनाया है.

रिपोर्ट-अर्जुन कुमार गुप्ता
बलिया

Sunday, 10 January 2021

बलिया-जमीन के कब्जे के चक्कर में वहाँ पर रख दिया अंबेडकर की प्रतिमा, पुलिस ने दर्ज़ किया मामला

बलिया: जिले के गड़वार थाना क्षेत्र के परसिया खुर्द ग्राम में कल रात्रि निजी भूमि पर डॉ आंबेडकर की प्रतिमा रखे जाने का मामला सामने आया है ।  इस मामले में 13 व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है ।

ये है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार गड़वार थाना क्षेत्र के परसिया खुर्द ग्राम के राम प्रीत राम ने आज शिकायत की है कि उसके पिता व चचेरे भाई की आराजी पर कल रात्रि गांव के ही लोगों ने जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से डॉ आंबेडकर की प्रतिमा रख दिया है । 


राम प्रीत राम ने आज सुबह प्रतिमा देखा तो उसने पूछताछ की तो उसे अपशब्द कहे गए तथा जान से मारने की धमकी दी गई ।

सूचना मिलने के बाद पुलिस उपाधीक्षक व थाना प्रभारी पुलिस बल सहित आज मौके पर पहुँचे तथा प्रतिमा को हटाया । उन्होंने बताया कि इस मामले में राम प्रीत राम की शिकायत पर 13 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 147 , 447 , 504 व 506 के अंतर्गत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है । 

इस मामले में फिलहाल कोई गिरफ्तारी नही हुई है । पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है ।

डॉ आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने की दो घटनाएं आईं सामने

जिले में डॉ आंबेडकर की प्रतिमा कानून व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । गड़वार थाना क्षेत्र के परसिया खुर्द ग्राम की कल रात्रि की घटना ने साबित कर दिया है कि निजी स्वार्थ वश देश के संविधान निर्माता डॉ आंबेडकर के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । 

जनपद में पिछले साल के आखिरी महीने दिसम्बर में डॉ आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने की दो घटनाएं हुई । भीमपुरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत लोहता पचदौरा गांव में स्थापित दलितों के मसीहा डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की एक प्रतिमा क्षतिग्रस्त पाई गई । ‘असामाजिक’ तत्वों द्वारा इसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया ।

नगरा थाना क्षेत्र के कोठियां चट्टी पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा  किसी ने क्षतिग्रस्त कर दी। जानकारी होने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रतिमा की मरम्मत कराकर मामला शांत कराया ।

 रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के सूरदासपुर गांव में स्थापित आंबेडकर की प्रतिमा को अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया गया । मनियर व गड़वार थाना क्षेत्र में भी ऐसी घटनाएं प्रकाश में आयी ।

Saturday, 9 January 2021

आज का हिन्दू पंचांग, जाने क्या है खाश

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 09 जनवरी 2021*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - मार्गशीर्ष)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण* 
⛅ *तिथि - एकादशी रात्रि 07:17 तक तत्पश्चात द्वादशी*
⛅ *नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात अनुराधा*
⛅ *योग - शूल शाम 03:02 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅ *राहुकाल - सुबह 10:02 से सुबह 11:24 तक*
⛅ *सूर्योदय - 07:19* 
⛅ *सूर्यास्त - 18:12* 
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - सफला एकादशी*
 💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
               🌞🌞

🌷 *सफला एकादशी* 🌷
➡ *08 जनवरी 2021 शुक्रवार को रात्रि 09:41 से 09 जनवरी, शनिवार को शाम 07:17 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष - 09 जनवरी, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
🙏🏻 *सफला एकादशी ( व्रत से सभी कार्य सफल होते हैं | यह सुख, भोग और मोक्ष देनेवाली है | इस रात को जागरण करने  से हजारों वर्षों की तपस्या करने से भी अधिक फल मिलता है |)*
🙏🏻 🌞

 🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 10 जनवरी, रविवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
 👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी  की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन  ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
 👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी  को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी  की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻