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Tuesday 21 July 2020

वाराणसी और बलिया आएगी विशेष स्वास्थ्य टीम, बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीज घर पर इलाज करा सकेंगे


कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने वाराणसी और बलिया समेत यूपी के 11 जिलों में विशेष स्वास्थ्य टीम भेजने का फैसला किया है।स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को इस बारे में निर्देश दे दिया गया है। जिलों में पहले से मौजूद नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे। 

वहीं, बिना लक्षणों वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए होम आइसोलेशन को भी मंजूरी दे दी है। सीएम योगी ने कहा कि शर्तों के साथ होम आइसोलेशन होगा। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकाॅल का पालन करना अनिवार्य होगा। 


वाराणसी और बलिया के अलावा लखनऊ, कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, झांसी और मुरादाबाद में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजी जाएगी। माना जा रहा है कि राज्य में कोविड संक्रमण के लागातार बढ़ रहे मामले के मद्देनजर बेडों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। मुख्यंमंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री योगी सरकारी आवास पर बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'होम आइसोलेशन की व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए। जागरूकता अभियान में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित बैनर, होर्डिंग, पोस्टर तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए।' 


हाेम आइसोलेशन की शर्तें :
-इलाज करने वाले डाक्टर ने ऐसे व्यक्ति को लक्षणरहित रोगी के रूप में चिह्नित किया हो।
-ऐसे रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटीन करने की सुविधा हो।
-घर में कम से कम दो शौचालय हों।
-एचआईवी, अंग प्रत्योरोपित, कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले कमजोर मरीज होम आईसोलेशन के पात्र नहीं होंगे।
-24 घंटे रोगी देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।

क्या करना होगा
-सम्पूर्ण आईसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और सम्बंधित अस्पताल के बीच सम्पर्क बनाए रखना होम आईसोलेशन के लिए प्रमुख अनिवार्यता है।
-देखभाल करने वाले व्यक्ति और रोगी के नजदीकी  सम्पर्क में रहने वाले को प्रोटोकाल और उपचार देने वाले डाक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी।
-लिंक www.mygov.in/aarogy.setu.app/ पर उपलब्ध आरोग्य सेतु मोबाइल एप को मोबाईल फोन परर डाउनलोड करना होगा।
-इस एप को ब्लू टूथ एवं वाई फाई के जरिये हमेशा सक्रिय रखना होगा।
-स्मार्ट फोन न होने की सूरत में रोगी की ओर से कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी  होगी।


कोरोना मरीजों के लिए ये हैं व्यवस्थाएं
-यूपी के सरकारी व निजी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में 1.51 लाख बेड
-जिलों में हल्के बिना लक्षण के मरीजों के लिए हैं एक लाख दस हजार बेड
-जिलों में 54000 कोविड हेल्प डेस्क 
-मरीजों के लिए हेल्प लाइन--18001805145
-मुख्यमंत्री हेल्प लाइन-1075 पर भी कर सकते हैं काल
-120 सरकारी लैबों में हो रही है कोरोना मरीजों की जांच, 21 निजी क्षेत्र की लैब कर रही हैं जांचें
-अस्पतालों में ब्रेकफास्ट के साथ लंच व डिनर के लिए तय की गई है डाइट

डेस्क

एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक


लखनऊ। मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि बाबूजी नहीं रहे। मालूम हो कि 85 वर्षीय लालजी टंडन का मेदांता अस्पताल में करीब डेढ़ महीने से भर्ती थे, लालजी टंडन किडनी और लिवर की बीमारियों से जूझ रहे थे, टंडन के निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।


सोमवार देर रात लालजी टंडन की हालत काफी बिगड़ गई थी, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, इसकी जानकारी लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने दी थी, उनकी जगह इस वक्त उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल मध्‍य प्रदेश के गर्वनर की कुर्सी संभाल रही हैं, उन्हें अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।

बता दें कि लालजी टंडन ने उत्तर प्रदेश में बतौर मंत्री कई विभागों का कामकाज संभाला था,वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने जाते थे, मौजूदा समय में वो एमपी के राज्यपाल थे, इनका राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ था, टंडन दो बार पार्षद चुने गए थे और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे थे, उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी रहे हैं लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता था, 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता था, साल 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई थी, इसके बाद भाजपा ने लालजी टंडन को ही यह सीट सौंपी गई थी, उन्होंने साल 2018 में बिहार के राज्यपाल की भी कुर्सी संभाली थी।


डेस्क


भक्ति

*~ आज का वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞  🌤️  *दिनांक - 25 मई 2023* 🌤️ *दिन - गुरूवार* 🌤️ *विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)* 🌤️ *शक संवत -...