लखनऊ। यूपी सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार तथा संक्रमितों को लेकर बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसलिये राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकाॅल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकाॅल का पालन करना अनिवार्य होगा।
टीम-11 के साथ समीक्षा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण में कड़ी शर्त तथा कोरोना प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित तथा संदिग्धों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होम आइसोलशन की मंजूरी दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसको लेकर तत्काल ही गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि माइल्ड लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। अभी तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के अधिकांश संक्रमित माइल्ड लक्षण वाले ही हैं। इसके साथ ही संदिग्धों तथा बिना लक्षण वालों को भी होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में अब हर शहर में बिना लक्षण वाले मरीजों को अब होटल और रिसॉर्ट में आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। पहले यह व्यवस्था गाजियाबाद और लखनऊ में शुरू की गई थी। एल-1 प्लस की इस सुविधा के लिए प्रदेश के जिलों के डीएम होटल में आइसोलेशन पर रहने वाले मरीजों के लिए दरों का निर्धारण करेंगे। डबल बेड वाले कमरे का प्रतिदिन का चार्ज दो हजार से अधिक नहीं होगा। एक व्यक्ति के लिए भोजन समेत केवल एक हजार होगा।
प्रदेश सरकार का मानना है कि बाहर से आये बिना लक्षण वाले मरीजों को केवल दस दिन ही भर्ती रहना पड़ता है। ऐसे में होटल में सरकारी चिकित्सीय व्यवस्था के लिए केवल दो हजार रुपए एक मुश्त टोकन मनी के रूप में देंगे। जिन मरीजों को नि:शुल्क इलाज कराना है तो सरकार उनका अपने कोविड अस्पतालों में भर्ती करेगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
हर जिले में कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर
प्रदेश के हर जिले में इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित होगा। इसमें कोरोना ही नहीं संक्रामक रोग के बारे में चले रहे सर्विलांस, जांच, चिकित्सा कर्मियों और अन्य सभी कामों का ब्योरा संबंधित विभाग के लोग देंगे। जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की कार्ररवाई भी इसी कंट्रोल रूम के मार्फत होगी।
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